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जनवरी, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

|| हम बार बार बीमार क्यों होते हैं, कैसे जाने || क्या है रोग

रोग को  कैसे समझो... डॉक्टर के पास जा रहे हो......??? क्या ढूंढने.......?? अपनी बीमारी का इलाज खोजने ...... क्या कहेगा आपका बड़ा महंगा डॉक्टर...??? अनेक जांच करवाएगा,  आपकी बीमारी को एक अच्छा , औऱ बड़ा नाम देगा......... और आप खुश हो जायेगे की दवा अब चमत्कार करेगी, घरवाले भी आपको टाइम पर दवाएं देकर अपना सारा दायित्व निभाएंगे....... क्या आप बीमारी को समझते है...... बुखार आपका मित्र है जैसे ही कोई वायरस शरीर मे आता है, शरीर अपना तापमान बढा देता है, वह तापमान को बढाकर उस वायरस को मारना जाता है, लेकिन आप गोली देकर तापमान कम कर देते है, जिससे वायरस शरीर मे घर बना लेता है और 4-6 महीने में बड़े रोग के रूप में आता है,  सूजन आपकी दोस्त है जैसे ही आपको कोई चोट लगी, दर्द हॉगा, कुछ घण्टे के बाद सूजन आ जायेगी, दरअसल चोट लगने के बाद उस स्थान पर रक्त रूकने लगता है, तो दिमाग शरीर को सिग्नल भेजता है, जिससे चोट वाले स्थान पर सूजन आ जाती है, सूजन आती ही इसीलिये है, की शरीर वहां पर पानी की मात्रा को बढा देता है, जिससे रक्त ना जमे, और तरल होकर रक्त निकल जाए, शरीर तो अपना काम कर रहा था,  लेकिन आप जैसे ही गोली

मातंगी साधना समस्त प्रकार के भौतिक सुख प्रदान करती है maa matangi

माँ मातंगी साधना :  आप सभी को मेरा नमस्कार, आज मैं इस पोस्ट के माध्यम से आप सब को 9वी  महाविद्या माँ मातंगी की साधना के बारे में अवगत कराने का प्रयास करूँगा. मां के भक्त जन साल के किसी भी नवरात्री /गुप्त नवरात्री /अक्षय तृतीया या किसी भी शुभ मुहूर्त या शुक्ल पक्ष में शुरु कर सकते हैं. इस साल 2021 में गुप्त नवरात्री,  12 फरवरी 2021 से है,  मां को प्रसन्न कर सकते हैं और जो भी माँ मातंगी की साधना करना चाहते है, जो अपने जीवन में गृहस्थ समस्याओं से कलह कलेश आर्थिक तंगी ओर रोग ,तंत्र जादू टोना से पीड़ित है वो मां मातंगी जी की साधना एक बार जरूर करके देखे उन्हें जरूर लाभ होगा ये मेरा विश्वास है। मां अपने शरण में आए हुए हर भक्त की मनोकानाएं पूर्ण करती है।ये साधना रात को पूरे 10 बजे शुरू करे।इस साधना में आपको जो जरूरी सामग्री चाहिए वो कुछ इस प्रकार है।   मां मातंगी जी की प्रतिमा अगर आपको वो नहीं मिलती तो आप सुपारी को ही मां का रूप समझ कर उन्हें किसी भी तांबे या कांसे की थाली में अष्ट दल बना कर उस पर स्थापित करे ओर मां से प्रार्थना करे के मां मैं आपको नमस्कार करता हूं आप इस सुपारी को अपना रूप स्व