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मार्च, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

|| हम बार बार बीमार क्यों होते हैं, कैसे जाने || क्या है रोग

रोग को  कैसे समझो... डॉक्टर के पास जा रहे हो......??? क्या ढूंढने.......?? अपनी बीमारी का इलाज खोजने ...... क्या कहेगा आपका बड़ा महंगा डॉक्टर...??? अनेक जांच करवाएगा,  आपकी बीमारी को एक अच्छा , औऱ बड़ा नाम देगा......... और आप खुश हो जायेगे की दवा अब चमत्कार करेगी, घरवाले भी आपको टाइम पर दवाएं देकर अपना सारा दायित्व निभाएंगे....... क्या आप बीमारी को समझते है...... बुखार आपका मित्र है जैसे ही कोई वायरस शरीर मे आता है, शरीर अपना तापमान बढा देता है, वह तापमान को बढाकर उस वायरस को मारना जाता है, लेकिन आप गोली देकर तापमान कम कर देते है, जिससे वायरस शरीर मे घर बना लेता है और 4-6 महीने में बड़े रोग के रूप में आता है,  सूजन आपकी दोस्त है जैसे ही आपको कोई चोट लगी, दर्द हॉगा, कुछ घण्टे के बाद सूजन आ जायेगी, दरअसल चोट लगने के बाद उस स्थान पर रक्त रूकने लगता है, तो दिमाग शरीर को सिग्नल भेजता है, जिससे चोट वाले स्थान पर सूजन आ जाती है, सूजन आती ही इसीलिये है, की शरीर वहां पर पानी की मात्रा को बढा देता है, जिससे रक्त ना जमे, और तरल होकर रक्त निकल जाए, शरीर तो अपना काम कर रहा था,  लेकिन आप जैसे ही गोली

दुर्गा सप्तशती पाठ 1 प्रथम अध्याय || by geetapress gorakhpur ||

श्री दुर्गा सप्तशती प्रथम..  मेधा ऋषि का राजा सुर और समाधि कोगवती की महिमा भग मधु – कन्व- वध काथना । विनिगः॥ ॐ प्रथमचरित्रस्य ब्रह्म ऋषिः, महाकाली देवता, गायत्री छन्दः, नंद शक्तिः, रक्तदंतिका बीजम्, अग्निस्तत्वम्, ऋग्वेदः स्वरूपम्, श्रीमहाकाली प्रीतिर्थे प्रथम पंचरजपे विनिगः। प्रथम वैशिष्ट्य के ब्रह्म ऋषि, महाकाली देवता, गौत्री छन्द, नंद शक्ति, रक्तदंतिका बीज, अग्नि तत्व और ऋग्वेद स्वरूप है। श्री महाकाली देवता की प्रसन्नता के गुणों के लिए जप में विनियोग होगा । ध्यानम्॥ ॐ खड्‌गं चक्रगदेशुचापपरिघनछिलं भुशुंदिंग शिरः शंखं संधतिं करैस्त्रिनयानं सर्वाङ्गभूषावृताम्। नीलश्मदुतिमास्यपाददशकं सेवे महां यामस्तौत्स्वपिते हरौकमलोजो हनतूं मधुं अच्छींभम्॥१॥ अस्तु विष्णु के सॉल्‍पर्व के यंत्र और धुरंधर धूल के कण्‍डवाल्‍कीय ब्रह्माजी नेन्‍स्‍ट ‍स्‍टण्‍ण्‍ण्‍णीय यंत्र, अण् महाकाली व्‍यक्‍ति। वे अपने डोस्क में खड्ग, चक्र, गदा, बाण, धनु, परिध, शूल, भुशुण्डी, मस्तक और शंख कोरिंग है। आंखों की आंखें हैं। वे समस्त अंगों में दिव्य आभूषणों से विभूषित हैं। उनके..  नमिष्कण्डिकायै "ॐ ऐं" मार्कण्डेय उवाच

शिवसहस्रनामावलि भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए महाशिवरात्रि पर करे यह शिवसहस्रनामावलि का जाप

जीवन में सुख, समृद्धि और मानसिक शांति प्राप्त करने के लिए इस महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर  "शिवसहस्रनामावलिः" का पाठ जरूर करें। हर एक नाम के साथ बेलपत्र शिवलिंग पर चढ़ाएं।  महाशिवरात्रि 11 मार्च 2021  शिवसहस्रनामावलिः .. ॐ स्थिराय नमः .. ॐ स्थाणवे नमः .. ॐ प्रभवे नमः .. ॐ भीमाय नमः .. ॐ प्रवराय नमः .. ॐ वरदाय नमः .. ॐ वराय नमः .. ॐ सर्वात्मने नमः .. ॐ सर्वविख्याताय नमः .. ॐ सर्वस्मै नमः .. १०.. ॐ सर्वकराय नमः .. ॐ भवाय नमः .. ॐ जटिने नमः .. ॐ चर्मिणे नमः .. ॐ शिखण्डिने नमः .. ॐ सर्वाङ्गाय नमः .. ॐ सर्वभावनाय नमः .. ॐ हराय नमः .. ॐ हरिणाक्शाय नमः .. ॐ सर्वभूतहराय नमः .. २०.. ॐ प्रभवे नमः .. ॐ प्रवृत्तये नमः .. ॐ निवृत्तये नमः .. ॐ नियताय नमः .. ॐ शाश्वताय नमः .. ॐ ध्रुवाय नमः .. ॐ श्मशानवासिने नमः .. ॐ भगवते नमः .. ॐ खचराय नमः .. ॐ गोचराय नमः .. ३०.. ॐ अर्दनाय नमः .. ॐ अभिवाद्याय नमः .. ॐ महाकर्मणे नमः .. ॐ तपस्विने नमः .. ॐ भूतभावनाय नमः .. ॐ उन्मत्तवेश्हप्रच्च्हन्नाय नमः .. ॐ सर्वलोकप्रजापतये नमः .. ॐ महारूपाय नमः .. ॐ महाकायाय नमः .. ॐ वृश्हरूपाय नमः .. ४०.. ॐ महायशसे नमः .