https://www.sambhooblog.in/?m=1 sambhooblog (सहायक जानकारी, एक कदम ज्ञान की ओर) सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

सितंबर, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

कालभैरव साधना विधि और नाम / kaal bhairav sadhna

  श्री कालभैरवाष्टमी सर्वश्रेष्ठ है यह साधना करने के लिए  दसों दिशाओं से रक्षा करते हैं श्री भैरव। श्री भैरव के अनेक रूप हैं जिसमें प्रमुख रूप से बटुक भैरव, महाकाल भैरव तथा स्वर्णाकर्षण भैरव प्रमुख हैं। जिस भैरव की पूजा करें उसी रूप के नाम का उच्चारण होना चाहिए। सभी भैरवों में बटुक भैरव उपासना का अधिक प्रचलन है। तांत्रिक ग्रंथों में अष्ट भैरव के नामों की प्रसिद्धि है। वे इस प्रकार हैं- 1. असितांग भैरव, 2. चंड भैरव, 3. रूरू भैरव, 4. क्रोध भैरव, 5. उन्मत्त भैरव, 6. कपाल भैरव, 7. भीषण भैरव 8. संहार भैरव। क्षेत्रपाल व दण्डपाणि के नाम से भी इन्हें जाना जाता है। श्री भैरव से काल भी भयभीत रहता है अत: उनका एक रूप'काल भैरव'के नाम से विख्यात हैं। दुष्टों का दमन करने के कारण इन्हें"आमर्दक"कहा गया है। शिवजी ने भैरव को काशी के कोतवाल पद पर प्रतिष्ठित किया है। जिन व्यक्तियों की जन्म कुंडली में शनि, मंगल, राहु आदि पाप ग्रह अशुभ फलदायक हों, नीचगत अथवा शत्रु क्षेत्रीय हों। शनि की साढ़े-साती या ढैय्या से पीडित हों, तो वे व्यक्ति भैरव जयंती अथवा किसी माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी, रविवार,...

Uttarakhand bhulekh online UK land records उत्तराखंड भूमि की जानकारी

Uttarakhand bhulekh online : आज हम बात इस लेख के माध्यम से Uttarakhand land records, भूमि नक्शा और खाता खतौनी नकल केसे निकालें online पर बात करेंगे. अब कंप्युटर का समय होने के कारण प्रदेश के सभी ज़िलों का land records online कर दिया गया है. अब आप Uttarakhand bhulekh online की सुविधा को बड़ी ही आसानी से घर बेठे प्राप्त कर सकते हैं. यह सारी सुविधाएं, चाहे जमीन का नक्शा हो, खसरा संख्या या फिर खाता खतौनी नकल हो आप सभी अधिकारिक पोर्टल - Uttarakhand bhulekh पर देख सकते हैं. सारी जानकारी प्राप्त करने के लिए लेख को अंत तक देखे. दोस्तों अब आप computer या smartfon पर बस कुछ ही click पर ही अपनी जमीन की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. भू नक्शा प्राप्त कर सकते हैं, भू नक्शा, जमीन का नक्शा होता है, जिसमें अन्य चीजे जैसे जमीन का प्रकार, खातेदार का विवरण आदि उपस्थित होता है.  Online जमीन के रिकॉर्ड की जानकारी लेने के लिए, उत्तराखंड सरकार ने UK bhulekh portal की शुरुआत की है. इस पोर्टल पर पूरी पारदर्शिता के साथ आवेदक को जमीन की पूरी जानकारी जैसे - खाता खतौनी नकल, ख़सरा संख्या, भू - नक्शा की जानकारी आ...

padhmini ekadashi : पद्मिनी एकादशी व्रत,, इसका महत्व और पूजन विधि

पद्मिनी एकादशी  :  हिंदू पंचांग के अनुसार, अधिक मास में शुक्ल पक्ष में पड़ने वालीं एकादशी तिथि को पद्मिनी एकादशी ने कहा है। इसे कमला या पुरुषोत्तम एकादशी भी कहा जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, जिस तरह से अधिक मास तीन साल में एक बार आता है, उसी प्रकार यह पद्मिनी एकादशी भी तीन साल में एक बार आता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, जो महीना अधिक हो जाता है, पद्मिनी एकादशी का व्रत भी उसी महीने पर निर्भर करता है। पद्मिनी एकादशी का कोई सूर्य मास या फिर चंद्र मास नहीं है। अतः यह पद्मिनी एकादशी अधिक मास में आती है। पद्मिनी एकादशी (पद्मिनी एकादशी का महत्व):     पौराणिक मान्यता के अनुसार एसा माना जाता है कि पद्मिनी एकादशी भगवान विष्णु को अति प्रिय है। कहा जाता है कि जो भी मनुष्य इस व्रत को पूरे विधि-विधान के साथ करता है, वह मनुष्य सभी बन्धनों के क्रम से मुक्त होकर भगवान विष्णु के परम धाम विष्णु लोक को प्राप्त करता है। उसे सभी प्रकार के यज्ञों का फल प्राप्त होता है। संसार से मुक्ति मिल जाती है, प्रभु की भक्ति प्राप्त होती है। पद्मिनी एकादशी की (पद्मिनी एकादशी की पूजा...

हिन्दू धर्म में 33 करोड़ देवी-देवताओ की जानकारी, क्या हैं सच.. जाने..

क्या हिन्दू धर्म में 33 करोड़ देवी-देवता हैं, क्या आप उनको मानते हैं, जानते हैं, क्या आप ईश्वर की शक्ति को मानते हैं.उसकी बनायी इस दुनिया में वही परमात्मा सर्व शक्तिमान है, वही कण कण मे विराजमान हैं. वेदों में उसे पूर्ण ब्रह्म परमेश्वर कहा गया है और उसके स्वरूप का वर्णन किया गया है, उसी ईश्वर से सृष्टि की रचना हुई, मानव, यक्ष, गंधर्व, पेड़ पौधे आदि जीव प्रकट हुये हैं. इसी संदर्भ में एक बहुत बड़ा व्यंग है कि हिंदू धर्म में 33 करोड़ देवी-देवता हैं. सभी के नाम और स्वरूप अलग - अलग है. इसका कई बार जिक्र किया जाता है. पर असली सचाई कुछ और ही है, 33 करोड़ देवी देवताओ की बात एक मिथ्या है, कोरी कल्पना है और कुछ नहीं. ये केवल शब्दों के गलत अर्थ निकलने जैसा है. वास्तविकता मे एक शब्द के कई अर्थ होने के कारण यह भ्रम फैला हुआ है. जबकि शस्त्रों मे इसका स्पष्ट वर्णन है. लेकिन कुछ लोगों ने 33 करोड़ की व्याख्यान करके इसका गलत आंकड़े रख दिए. आइए जानते हैं 33 करोड़ देवी - देवताओ के बारे में सच्चाइ जो शास्त्र मान्यता अनुसार प्रमाणित है -  33 करोड़ देवी - देवता नहीं है, 33 कोटि यानी "प्रकार ...

हवन में आहुति देते समय क्यों कहते है ‘स्वाहा’

हवन में आहुति देते हुए  क्यों कहा जाता है     किसी धार्मिक अनुष्ठान या हवन में आहुति देते हुए "स्वाहा - स्वाहा" कहते हुए तो आप सब ने सुना या कहा ही होगा, क्या आपको पता है यह स्वाहा क्या है और क्यों बोला जाता है, और यह स्वाहा स्वाहा बोलकर ही क्यों आहुति दी जाती है.          आइये जानते हैं कि स्वाहा कहा से आया है और क्यों बोला जाता है... धार्मिक मान्यता के अनुसार और शिव महापुराण में आए वर्णन के अनुसार स्वाहा दक्ष प्रजापति की पुत्री थी. जिसका विवाह दक्ष ने अग्नि देव के साथ किया था. स्वाहा इतनी सुन्दर थीं कि अग्नि देव उसे पत्नी के रूप में पाकर बहुत प्रसन्न हुए, इतने प्रसन्न हुए कि स्वाहा को वरदान मांगने को कहा, तब उनकी पत्नी स्वाहा ने कहा कि, हे अग्नि देव अगर आप मुझ से प्रसन्न होकर वरदान देना ही चाहते हैं तो मुझे एक वरदान दे स्वामी, कि मुझे आप कभी अपने आप से अलग ना करे, तब अग्नि देव ने अपनी पत्नी स्वाहा को वर देते हुए कहा कि..                                  ...