शिलाजीत....
शिलाजीत क्या है?
शिलाजीत एक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला खनिज पदार्थ है जो हिमालय और भारतीय उपमहाद्वीप की हिंदुकुश पर्वतमाला में पाया जाता है। ये एक दुर्लभ पदार्थ है जो हजारों वर्षों से पौधों और पौधों की सामग्री के विघटन से बनता आया है। शिलाजीत एक गाढ़ा और लसलसेदार पदार्थ होता है।
आयुर्वेद में शिलाजीत को रसायन (शक्तिवर्द्धक) कहा गया है क्योंकि इससे संपूर्ण सेहत में सुधार आता है।
पहचान..
शिलाजीत के जरा से टुकड़े को लकड़ी के अंगार पर रखते ही अगर वह उपर की तरह खड़ा हो जाय तो उस शिलाजीत को असली समझना चाहिये ।
शिलाजीत को जरा सा लेकर अंगारे पर डालने से अगर धुआँ न उठे तो उसे उत्तम समझना चाहिये ।
शिलाजीत को एक तिनके की नोक में लगाकर पानी के कटोरे में डालना चाहिये । अगर वह सबका सब तार-तार होकर जल के नीचे बैठ जाये तो उसे उत्तम समझना चाहिये।
शिलाजीत को नाक से सूंघने पर अगर उसमें गौमूत्र के समान गन्ध आवे और वह रङ्ग में काली तथा पतले गोंद के समान हो, वजन में हलका और चिकना हो तो उसे उत्तम समझना चाहिये ।
शिलाजीत के लाभ...
गठिया (arthritis) जोड़ो का शत्रु है और जोड़ो में सूजन एवं अकड़न से जोड़ो के दर्द को बढ़ा देता है। शिलाजीत जोड़ो के असहनीय दर्द और सूजन से राहत दिलाता है और अकड़न दूर कर जोड़ो को मज़बूत भी बनाता है।
यौन शक्ति
शिलाजीत ऊर्जा एवं शक्ति का दूसरा नाम है। प्राचीन काल से ही इसका सेवन मुख्य रूप से कमज़ोरी को दूर भगाने और जवान रहने के लिए किया जा रहा है। यह कोशिकाओं को पुनर्जीवित कर बुढ़ापे के लक्षणों और शारीरिक कमज़ोरी को दूर रखता है। शरीर को यौवन और फुर्ती से भर देता है। यह यौन शक्ति को बढ़ाकर यौन संभोग को आनंदित बना देता है।
यह दोनों लिंगों में यौन इच्छा और क्षमता को बढ़ाता है और यौन संबंधित रोगों को दूर रखता है। यह बांझपन को दूर कर गर्भ धारण करने में भी सहायक है। महिलाओं में यह मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करता है और अंडाशय को पुष्ट एवं स्वस्थ करता है। पुरुषों में यह शुक्राणुओं को स्वस्थ बनाता है और उनके स्तर को बढ़ाता है।
बुद्धिवर्धक
शिलाजीत स्मरण-शक्ति को बढ़ाता है और दिमाग़ को पोषित करता है। यह तनाव को दूर रखता है और एकाग्रता में भी सुधार लाता है।
उच्च रक्तचाप
शिलाजीत का सेवन करने से ना केवल रक्तचाप सामान्य स्थिति में रहता है अपितु मानव हृदय रोग से भी दूर रहता है।
एनीमिया
शरीर में खून की कमी को एनीमिया की समस्या कहा जाता है। महिलाओं में आयरन की कमी से होने वाली एनीमिया की समस्या ज्यादा देखी जाती है। हालांकि यह पुरुषों को भी हो सकती है। शिलाजीत का सेवन करने से शरीर में रक्त बनने की प्रक्रिया को मदद मिलती है और एनर्जी आती है। क्योंकि इसमें ह्यूमिक एसिड और आयरन पाया जाता है।
उच्च रक्तवसा (कोलेस्ट्रॉल) से राहत दिलाता है।
शुगर
शिलाजीत रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रण में रखता है और मधुमेह में सुधार लाता है, इसलिए शिलाजीत को मधुमेह विनाशक भी कहा जाता है। यह शरीर में थकान को कम कर शरीर की ऊर्जा को बढ़ाता है।
पुरुषों के लिए टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन काफी जरूरी होता है। यह हॉर्मोन पुरुषों के यौन स्वास्थ्य को सुधारने और नपुंसकता जैसी समस्या को दूर करने में काफी महत्व रखता है। इसकी कमी के कारण पुरुषों को बालों का झड़ना, मसल्स कमजोर होना, बॉडी फैट बढ़ना व थकान जैसी समस्या हो सकती है। Pubmed.gov पर प्रकाशित एक क्लिनिकल स्टडी में शामिल 45 से 55 साल की उम्र के पुरुषों में शुद्ध शिलाजीत का रोजाना दो बार 250 मिलीग्राम सेवन करने पर टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन में बढ़ोतरी देखी गई। शिलाजीत का इस तरह सेवन करके मर्दों की ताकत बढ़ाई जा सकती है।
शिलाजीत का सेवन पेशाब संबंधित समस्याओं से भी राहत प्रदान कर सकता है। यह गुर्दों व मूत्राशय को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। इसके सेवन से पेशाब में जलन और पथरी जैसी समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। इससे किडनी की कार्यक्षमता बढ़ती है।
अगर आपके जोड़ों में दर्द रहता है, तो शिलाजीत का इस्तेमाल फायदेमंद साबित हो सकता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण पाए जाते हैं। जो शरीर में टिश्यू की सूजन को कम करके जोड़ों के असहनीय दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है। इसके साथ ही इसके इस्तेमाल से बढ़ती उम्र के लक्षणों व कोशिकाओं के क्षतिग्रस्त होने की प्रक्रिया को भी कम किया जा सकता है।
शिलाजीत का इस्तेमाल हमारे दिमाग के लिए भी लाभदायक होता है। यह हमारी याद्दाश्त को भी मजबूत कर सकता है। इसमें मौजूद फुलविक एसिड दिमाग में ताऊ प्रोटीन के असामान्य व असंतुलित उत्पादन को रोक सकता है। जिससे दिमाग की अल्जाइमर जैसी समस्या से भी राहत पाई जा सकती है।
शिलाजीत बुढ़ापे और मृत्यु को जीतनेवाला, वमन, कम्पवायु, 20 प्रकार के प्रमेह, पथरी, मधुमेह, सुजाक, कफक्षय, श्वास, वातज बवासीर, पीलिया, मृगी, उन्माद, पागलपन, सूजन, कोढ़ और कृमि रोग को नष्ट करनेवाला होता है।
किसी किसी आचार्य ने इसको फीलपांव गुल्म और विषम ज्वर को नष्ट करनेवाला भी लिखा है।
फिर भी यह खास तौर से मधुमेह की एक चमत्कारिक औषधि मानी गई है ।
यह स्वस्थ पुरुषों को भी विपुल बल देता है।
ऐसी कोई बीमारी नहीं जिसको शिलाजीत सही ना कर सकती हो...
आधुनिक वैज्ञानिकों का मत...
शिलाजीत ह्यूमिन, ह्यूमिक एसिड और फुल्विक एसिड से बना है। फुल्विक एसिड प्रमुख घटक है जो इसके न्यूट्रास्युटिकल घटकों के 60 से 80% के लिए जिम्मेदार है। शिलाजीत में मौजूद अन्य घटक फैटी एसिड, रेजिन, एल्ब्यूमिन, पॉलीफेनोल्स, फेनोलिक लिपिड, ट्राइटरपीन, स्टेरोल्स, एरोमैटिक कार्बोक्जिलिक एसिड, क्यूमरिन, लेटेक्स, गम्स और अमीनो एसिड हैं। शिलाजीत में चांदी, तांबा, जस्ता और लोहा सहित 84 से अधिक खनिज भी शामिल हैं।
एक महान वैज्ञानिक का मत
शुद्ध शिलाजीत, एक आयुर्वेदिक रसायन, का मूल्यांकन 45 से 55 वर्ष की आयु के स्वस्थ स्वयंसेवकों में पुरुष एंड्रोजेनिक हार्मोन पर इसके प्रभाव के लिए किया गया था। एक यादृच्छिक, डबल-ब्लाइंड, प्लेसबो-नियंत्रित नैदानिक अध्ययन में टेस्टोस्टेरोन दिन में दो बार 250 मिलीग्राम की खुराक पर। शिलाजीत के साथ लगातार 90 दिनों तक उपचार करने से पता चला कि इसने प्लेसबो की तुलना में कुल टेस्टोस्टेरोन, मुक्त टेस्टोस्टेरोन और डीहाइड्रोएपियनड्रोस्टेरोन (डीएचईएएस) में उल्लेखनीय रूप से (पी <0.05) वृद्धि की है। गोनैडोट्रोपिक हार्मोन (एलएच और एफएसएच) का स्तर अच्छी तरह से बनाए रखा गया था।
शिलाजीत लेने की विधि..
शिलाजीत को सवेरे ही सूर्य निकलने के बाद दूध अथवा शहद के साथ लेना चाहिये ।
सवेरे का खाया हुआ शिलाजीत पच जाने पर भात, दूध, जौ की रोटी या जौ की बनी हुई कोई चीज खाना चाहिये ।
शिलाजीत की मात्रा अपने बलावल के अनुसार 1 से लेकर 2 ग्राम तक की लेना चाहिये।
सावधानी
अधिक खुराक के गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं ।
शुद्ध शिलाजीत का ही सेवन करे।
अशुद्ध शिलाजीत से शरीर पर बहुत से हानिकारक प्रभाव उत्पन्न होतें है |
वैद्य की सलाह के अनुसार शिलाजीत की सटीक खुराक समय की सीमित अवधि के लिए लें।
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