सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

टेक्निकल एनालिसिस (Technical Analysis)

 बिल्कुल! शेयर बाजार में चार्ट देखना एक बहुत ही महत्वपूर्ण कौशल है। यह आपको किसी शेयर की कीमत के उतार-चढ़ाव को समझने और भविष्य के बारे में अनुमान लगाने में मदद करता है। इसे टेक्निकल एनालिसिस (Technical Analysis) कहते हैं।

आइए, इसे आसान भाषा में स्टेप-बाय-स्टेप समझते हैं।

चार्ट कहाँ देखें? (Where to See Charts?)

आप इन जगहों पर आसानी से मुफ्त में चार्ट देख सकते हैं:

  • आपके ब्रोकर के प्लेटफॉर्म पर: Zerodha (Kite), Upstox, Groww, Angel One आदि सभी अपने ऐप और वेबसाइट पर एडवांस्ड चार्ट की सुविधा देते हैं।

  • वेबसाइट्स:

    • TradingView: यह चार्टिंग के लिए सबसे लोकप्रिय और शक्तिशाली प्लेटफॉर्म है।

    • Moneycontrol: यहाँ भी आपको हर शेयर के लिए चार्ट मिल जाएंगे।

    • Investing.com: यह भी एक अच्छा विकल्प है।


चार्ट के सबसे महत्वपूर्ण प्रकार

मुख्य रूप से तीन तरह के चार्ट होते हैं, लेकिन शुरुआती लोगों के लिए कैंडलस्टिक चार्ट सबसे उपयोगी है।

  1. लाइन चार्ट (Line Chart): यह सिर्फ क्लोजिंग प्राइस को जोड़कर एक लाइन बनाता है। यह लंबी अवधि का ट्रेंड देखने के लिए अच्छा है।

  2. बार चार्ट (Bar Chart): यह एक वर्टिकल लाइन और दो छोटी हॉरिजॉन्टल लाइनों से मिलकर बनता है, जो ओपन, हाई, लो और क्लोज (OHLC) दिखाता है।

  3. कैंडलस्टिक चार्ट (Candlestick Chart): यह सबसे लोकप्रिय है क्योंकि यह जानकारी को बहुत स्पष्ट रूप से दिखाता है। हम इसी पर ध्यान केंद्रित करेंगे।


कैंडलस्टिक चार्ट को कैसे समझें?

हर कैंडल (मोमबत्ती) एक निश्चित समय अवधि (जैसे 5 मिनट, 1 दिन, 1 हफ्ता) की कहानी बताती है। एक कैंडल में चार चीजें होती हैं:

  • Open (O): उस अवधि में कीमत कहाँ पर खुली।

  • High (H): उस अवधि में कीमत সর্বোচ্চ कहाँ तक गई।

  • Low (L): उस अवधि में कीमत न्यूनतम कहाँ तक गई।

  • Close (C): उस अवधि में कीमत कहाँ पर बंद हुई।

हरी कैंडल (बुलिश कैंडल):

  • इसका मतलब है कि कीमत बढ़ी है (Close > Open)।

  • बॉडी का निचला हिस्सा Open प्राइस है।

  • बॉडी का ऊपरी हिस्सा Close प्राइस है।

लाल कैंडल (बेयरिश कैंडल):

  • इसका मतलब है कि कीमत घटी है (Close < Open)।

  • बॉडी का ऊपरी हिस्सा Open प्राइस है।

  • बॉडी का निचला हिस्सा Close प्राइस है।

बॉडी (Body): यह Open और Close के बीच का मोटा हिस्सा है।
बत्ती/शैडो (Wick/Shadow): यह ऊपर और नीचे की पतली लाइनें हैं, जो High और Low को दिखाती हैं।


चार्ट देखने के 5 महत्वपूर्ण घटक

  1. टाइमफ्रेम (Timeframe - समय-सीमा):

    • आप चार्ट को अलग-अलग टाइमफ्रेम पर देख सकते हैं।

    • इंट्राडे ट्रेडिंग के लिए: 1 मिनट, 5 मिनट, 15 मिनट।

    • स्विंग ट्रेडिंग (कुछ दिन/हफ्ते) के लिए: 1 घंटा, 4 घंटा, 1 दिन (Daily)।

    • निवेश (कई महीने/साल) के लिए: 1 हफ्ता (Weekly), 1 महीना (Monthly)।

  2. ट्रेंड (Trend - रुझान):
    चार्ट का मुख्य उद्देश्य ट्रेंड को पहचानना है।

    • अपट्रेंड (Uptrend): जब कीमत लगातार नए Higher Highs (ऊंचे शिखर) और Higher Lows (ऊंचे निचले स्तर) बना रही हो। मतलब, शेयर ऊपर जा रहा है।

    • डाउनट्रेंड (Downtrend): जब कीमत लगातार नए Lower Highs (नीचे के शिखर) और Lower Lows (नीचे के निचले स्तर) बना रही हो। मतलब, शेयर नीचे गिर रहा है।

    • साइडवेज़ (Sideways): जब कीमत एक रेंज में ऊपर-नीचे घूम रही हो, कोई स्पष्ट ट्रेंड न हो।

  3. वॉल्यूम (Volume):

    • यह चार्ट के नीचे बार (खंभों) के रूप में दिखाई देता है।

    • वॉल्यूम बताता है कि एक निश्चित समय में कितने शेयर खरीदे और बेचे गए।

    • महत्व: अगर कीमत बढ़ रही है और वॉल्यूम भी बढ़ रहा है, तो इसका मतलब है कि ट्रेंड मजबूत है। अगर कीमत बिना वॉल्यूम के बढ़ रही है, तो वह ट्रेंड कमजोर हो सकता है।

  4. सपोर्ट और रेजिस्टेंस (Support and Resistance):
    यह टेक्निकल एनालिसिस के सबसे महत्वपूर्ण कॉन्सेप्ट हैं।

    • सपोर्ट (Support): यह चार्ट पर वह प्राइस लेवल है जहाँ से कीमत के नीचे जाने की संभावना कम होती है और खरीदार सक्रिय हो जाते हैं। इसे आप एक "फर्श" की तरह समझ सकते हैं।

    • रेजिस्टेंस (Resistance): यह वह प्राइस लेवल है जहाँ से कीमत के ऊपर जाने में मुश्किल होती है और बिकवाली का दबाव बढ़ जाता है। इसे आप एक "छत" की तरह समझ सकते हैं।

  5. इंडिकेटर्स (Indicators):
    ये चार्ट पर लगाए जाने वाले गणितीय फॉर्मूले हैं जो ट्रेंड, मोमेंटम आदि को पहचानने में मदद करते हैं। शुरुआती लोगों के लिए दो सबसे आम इंडिकेटर हैं:

    • मूविंग एवरेज (Moving Average - MA): यह एक निश्चित अवधि की औसत कीमत को एक लाइन के रूप में दिखाता है (जैसे 50-दिन या 200-दिन का MA)। अगर कीमत MA लाइन से ऊपर है तो उसे बुलिश (तेजी) माना जाता है, और अगर नीचे है तो बेयरिश (मंदी)।

    • आरएसआई (Relative Strength Index - RSI): यह 0 से 100 के बीच का एक मोमेंटम इंडिकेटर है। यह बताता है कि स्टॉक ओवरबॉट (Overbought) है या ओवरसोल्ड (Oversold)

      • 70 से ऊपर RSI: मतलब स्टॉक बहुत ज्यादा खरीदा जा चुका है (ओवरबॉट), यहाँ से कीमत नीचे आ सकती है।

      • 30 से नीचे RSI: मतलब स्टॉक बहुत ज्यादा बेचा जा चुका है (ओवरसोल्ड), यहाँ से कीमत ऊपर जा सकती है।

शुरुआती लोगों के लिए सलाह:

  1. अभ्यास करें: किसी भी असली पैसे को लगाने से पहले, चार्ट को सिर्फ देखना और समझना शुरू करें। पुराने चार्ट देखें और पता लगाएं कि सपोर्ट, रेजिस्टेंस और ट्रेंड कहाँ थे।

  2. एक साथ सब कुछ न करें: शुरुआत में सिर्फ ट्रेंड, सपोर्ट/रेजिस्टेंस और वॉल्यूम पर ध्यान दें। धीरे-धीरे इंडिकेटर्स को सीखें।

  3. पेपर ट्रेडिंग: कई प्लेटफॉर्म्स वर्चुअल मनी के साथ ट्रेडिंग का अभ्यास करने की सुविधा देते हैं। यह सीखने का सबसे अच्छा तरीका है।

  4. सीखते रहें: चार्ट देखना एक कला है जो समय और अभ्यास के साथ बेहतर होती है। धैर्य रखें और लगातार सीखते रहें।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

हनुमान चालीसा और आरती, बजरंग बाण श्रीं राम स्तुति || hanuman Chalisa ||

Hanuman Chalisa or Aarti:  मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान जी की विशेष पूजा अर्चना की जाती है, इससे शनि जनित पीड़ा से मुक्ति मिल जाती है, (चाहे शनि की ढैय्या हो या साढ़ेसाती) । इन दिनों में हनुमान जी के मंदिरों में जाकर भक्त हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं साथ ही इनका प्रिय बूंदी का प्रसाद चढ़ाते हैं। बजरंगबली को संकटमोचक भी कहा जाता है क्योंकि ये अपने भक्तों के सभी संकट दूर कर देते हैं। शास्त्रों और पुराणों अनुसार हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ करके आरती करे और हनुमानजी को बूँदी का भोग लगाए. आइए शुरू करे हनुमान चालीसा का पाठ -    दोहा : श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि। बरनऊं रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।  बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।    चौपाई :   जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुं लोक उजागर।। रामदूत अतुलित बल धामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।     महाबीर बिक्रम बजरंग   कुमति निवार सुमति के संगी ।।   कंचन बरन बिराज सुबे...

दुर्गा सप्तशती पाठ 12 द्वादश अध्याय || by geetapress gorakhpur ||

  ।। श्री दुर्गा सप्तशती ॥ द्वादशोऽध्यायः देवी-चरित्रों के पाठ का माहात्म् ॥ध्यानम्॥ ॐ विद्युद्दामसमप्रभां मृगपतिस्कन्धस्थितां भीषणां कन्याभिः करवालखेटविलसद्धस्ताभिरासेविताम्। हस्तैश्चक्रगदासिखेटविशिखांश्चापं गुणं तर्जनीं बिभ्राणामनलात्मिकां शशिधरां दुर्गां त्रिनेत्रां भजे॥ मैं तीन नेत्रोंवाली दुर्गादेवी का ध्यान करता हूँ, उनके श्रीअंगों की प्रभा बिजली के समान है । वे सिंह के कंधेपर बैठी हुई भयंकर प्रतीत होती हैं । हाथों में तलवार और ढ़ाल लिये अनेक कन्याएँ उनकी सेवा में खड़ी हैं ।वे अपने हाथों में चक्र, गदा, तलवार, ढ़ाल, बाण, धनुष, पाश और तर्जनी मुद्रा धारण किये हुए हैं । उनका स्वरूप अग्निमय है तथा वे माथे पर चन्द्रमा का मुकुट धारण करती हैं । "ॐ" देव्युवाच॥१॥ एभिः स्तवैश्च् मां नित्यं स्तोष्यते यः समाहितः। तस्याहं सकलां बाधां नाशयिष्याम्यसंशयम्*॥२॥ देवी बोली- ॥१॥ देवताओं ! जो एकाग्रचित होकर प्रतिदिन इन स्तुतियों से मेरा स्तवन करेगा, उसकी सारी बाधा निश्चय हीं दूर कर दूँगी ॥२॥ मधुकैटभनाशं च महिषासुरघातनम्। कीर्तयिष्यन्ति ये तद्वद् वधं शुम्भनिशुम्भयोः॥३॥ जो मधुकैटभ का नाश, महिषा...

दुर्गा सप्तशती पाठ 4 चतुर्थ अध्याय || by geetapress gorakhpur ||p

 ॥ श्री दुर्गा सप्तशती ॥ चतुर्थोऽध्यायः इन्द्रादि देवताओं द्वारा देवी की स्तुति ॥ध्यानम्॥ ॐ कालाभ्राभां कटाक्षैररिकुलभयदां मौलिबद्धेन्दुरेखां शड्‌खं चक्रं कृपाणं त्रिशिखमपि करैरुद्वहन्तीं त्रिनेत्राम्। सिंहस्कन्धाधिरूढां त्रिभुवनमखिलं तेजसा पूरयन्तीं ध्यायेद् दुर्गां जयाख्यां त्रिदशपरिवृतां सेवितां सिद्धिकामैः॥ सिद्धि की इच्छा रखनेवाले पुरुष जिनकी सेवा करते हैं तथा देवता जिन्हें सब ओर से घेरे रहते हैं, उन ‘जया ’ नामवाली दुर्गादेवी का ध्यान करे । उनके श्रीअंगों की आभा काले मेघ के समान श्याम है । वे अपने कटाक्षों से शत्रुसमूह को भय प्रदान करती हैं । उनके मस्तक पर आबद्ध चन्द्रमा की रेखा शोभा पाती है । वे अपने हाथों में शंख, चक्र, कृपाण और त्रिशूल धारण करती हैं । उनके तीन नेत्र हैं । वे सिंह के कंधेपर चढ़ी हुई हैं और अपने तेज से तीनों लोकोंको परिपूर्ण कर रही हैं । "ॐ" ऋषिरुवाच*॥१॥ शक्रादयः सुरगणा निहतेऽतिवीर्ये तस्मिन्दुरात्मनि सुरारिबले च देव्या। तां तुष्टुवुः प्रणतिनम्रशिरोधरांसा वाग्भिः प्रहर्षपुलकोद्‌गमचारुदेहाः॥२॥ ऋषि कहते हैं - ॥१॥ अत्यन्त पराक्रमी दुरात्मा महिषासुर तथा उसक...