नमस्ते! शेयर बाजार में Fund
चरण 1: कंपनी और उसके बिजनेस को समझें (Understand the Company & its Business)
कंपनी क्या बेचती है? (What are its products or services?)यह पैसे कैसे कमाती है? (What is its business model?)क्या इसके प्रोडक्ट्स की मांग भविष्य में भी रहेगी? क्या कंपनी के पास कोई प्रतिस्पर्धी लाभ (Competitive Advantage or "Moat") है? यानी, ऐसा कुछ जो उसे दूसरों से बेहतर बनाता हो, जैसे- ब्रांड वैल्यू (Apple), विशाल नेटवर्क (Airtel), या कम लागत में उत्पादन (Cost Leadership)।
चरण 2: इंडस्ट्री का विश्लेषण करें (Analyze the Industry)
क्या यह इंडस्ट्री ग्रोथ कर रही है? (Is the industry growing?)इस इंडस्ट्री में प्रतिस्पर्धा (Competition) कैसी है? सरकारी नीतियां (Government Policies) इंडस्ट्री को कैसे प्रभावित करती हैं? इंडस्ट्री का भविष्य कैसा है? (Future prospects of the industry)
चरण 3: कंपनी के वित्तीय विवरणों की जांच करें (Analyze Financial Statements)
बैलेंस शीट (Balance Sheet): यह कंपनी की संपत्ति (Assets) औरदेनदारियों (Liabilities) का स्नैपशॉट है।क्या देखें: कंपनी परकर्ज (Debt) कितना है? क्या उसके पास पर्याप्तरिजर्व (Reserves) हैं? संपत्ति की गुणवत्ता कैसी है?
प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट (Profit & Loss Statement): यह बताता है कि एक निश्चित समय (आमतौर पर एक तिमाही या एक साल) में कंपनी ने कितना कमाया और कितना खर्च किया। क्या देखें: कंपनी कीबिक्री (Sales/Revenue) साल-दर-साल बढ़ रही है या नहीं?शुद्ध लाभ (Net Profit) में वृद्धि हो रही है? कंपनी केमार्जिन (Margins) स्थिर हैं या बढ़ रहे हैं?
कैश फ्लो स्टेटमेंट (Cash Flow Statement): यह कंपनी के अंदर और बाहर कैश के लेन-देन को दिखाता है। क्या देखें: क्या कंपनी अपने मुख्य बिजनेस (Operating Activities) से पॉजिटिव कैश फ्लो कमा रही है? कभी-कभी कंपनियां लाभ तो दिखाती हैं, लेकिन उनके पास कैश नहीं होता, जो एक खतरे का संकेत है।
चरण 4: महत्वपूर्ण वित्तीय अनुपातों का विश्लेषण करें (Analyze Financial Ratios)
P/E Ratio (Price to Earnings Ratio): यह बताता है कि आप कंपनी के ₹1 कमाने के लिए कितना गुना कीमत चुका रहे हैं। इसकी तुलना इंडस्ट्री की दूसरी कंपनियों से करनी चाहिए।P/B Ratio (Price to Book Value Ratio): यह शेयर की कीमत की तुलना कंपनी की किताबी मूल्य से करता है।Debt-to-Equity Ratio: यह बताता है कि कंपनी पर कर्ज का बोझ कितना है। 1 से कम का अनुपात आमतौर पर अच्छा माना जाता है।ROE (Return on Equity): यह बताता है कि कंपनी शेयरधारकों के पैसे का कितनी कुशलता से इस्तेमाल करके मुनाफा कमा रही है। 15% से ज्यादा का ROE अच्छा माना जाता है।EPS (Earnings Per Share): प्रति शेयर कंपनी कितना लाभ कमा रही है। बढ़ता हुआ EPS एक अच्छा संकेत है।
चरण 5: मैनेजमेंट का मूल्यांकन करें (Evaluate the Management)
मैनेजमेंट का अनुभव और ट्रैक रिकॉर्ड कैसा है? क्या प्रमोटरों (कंपनी के मालिकों) की कंपनी में अच्छी हिस्सेदारी (Promoter Holding) है? (यह दिखाता है कि उनका भरोसा अपनी कंपनी पर है)।भविष्य के लिए उनकी क्या योजनाएं (Future Plans) हैं?
चरण 6: मूल्यांकन (Valuation) और निर्णय लेना
अगर शेयर का बाजार मूल्य (Market Price) आपके निकाले गए आंतरिक मूल्य से काफी कम है, तो यह खरीदने का एक अच्छा अवसर हो सकता है। इसे"मार्जिन ऑफ सेफ्टी" (Margin of Safety) कहते हैं।अगर बाजार मूल्य आंतरिक मूल्य से बहुत ज्यादा है, तो शेयर महंगा (Overvalued) है और आपको खरीदने से बचना चाहिए।
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